इंडिया न्यूज,नई दिल्ली।
वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी काउंसिल (GST Council) की मई में बैठक होने जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार इस बैठक में जीएसटी स्लैब में कुछ परिवर्तन कर सकती है। ऐसा अनुमान है कि 143 वस्तुओं की जीएसटी दर में वृद्धि कर सकती है। इस वृद्धि पर केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से विचार मांगे हैं।
इसके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा इस बैठक में राजस्व वृद्धि करने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। सरकार 143 वस्तुओं में से 92 फीसदी वस्तुओं को 28 फीसदी स्लैब में लाने की मंशा जाहिर की है। अभी यह वस्तु 18 फीसदी स्लैब में हैं।
28 फीसदी में जाने के आसार
मिली जानकारी के अनुसार, जीएसटी की काउंसिल बैठक में जिन वस्तुओं की स्लैब में परिवर्तन होने के आसार हैं वह इस प्रकार हैं: चमड़े के अपैरल और सहायक उपकरण, कलाई घड़ी, रेज़र, परफ्यूम, प्री-शेव/आफ्टर-शेव की तैयारी, डेंटल फ्लॉस, चॉकलेट, वफ़ल, कोको पाउडर, कॉफी के अर्क और कॉन्संट्रेट, नॉन एल्कोहोलिक बेवरेज, हैंडबैग/शॉपिंग बैग, सिरेमिक सिंक, वॉश बेसिन, प्लाईवुड, दरवाजे, खिड़कियां, बिजली के उपकरण (स्विच, सॉकेट आदि) की निर्माण वस्तुओं पर जीएसटी की दर 18 फीसदी से बढ़कर 28 फीसदी हो सकती है।
5 फीसदी स्लैब में आने का अनुमान
इसके अलावा जिन वस्तुओं को शून्य से बढ़ाकर 5 फीसदी के स्लैब में डाला जा सकता है वह इस प्रकार हैं: पापड़, गुड़, पावर बैंक, घड़ियां, सूटकेस, हैंडबैग, परफ्यूम, कलर टीवी सेट (32 इंच से कम), चॉकलेट, च्युइंगम, अखरोट, कस्टर्ड पाउडर, नॉन एल्कोहोलिक बेवरेज, सिरेमिक सिंक वॉश बेसिन, काले चश्मे, चश्मे के लिए फ्रेम और चमड़े के अपैरल और कपड़ों के सामान शामिल हैं।
चार स्तरीय है जीएसटी की संरचना
आपको बता दें कि जीएसटी में चार स्तर पर टैक्स लगाता है। इसमें 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी शामिल हैं। आवश्यक वस्तुओं का या तो सबसे कम स्लैब में छूट या टैक्स लगाया जाता है, जबकि लग्जरी आइटम्स को सबसे अधिक दर यानी 28 फीसदी टैक्स स्लैब में रखा जाता है।
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