इंडिया न्यूज,नई दिल्ली।
केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चन्द्र प्रसाद सिंह ने दिल्ली के उद्योग भवन में एक बैठक की है। इस बैठक में केंद्रीय इस्ताप मंत्री सिंह ने वित्त वर्ष 2021-22 में स्टील सीपीएसई (Steel CPSE Meeting) द्वारा किए गए पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) की समीक्षा करने और चालू वर्ष 2022-23 के लिए कैपेक्स लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सीपीएसई की योजनाओं का आकलन किया। इस बैठक में भारत सरकार के इस्पात सचिव, सेल, आरआईएनएल, केआईओसीएल, मॉयल और मेकॉन के सीएमडी, इस्पात मंत्रालय और एनएमडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री सिंह ने सीपीएसई को दैनिक आधार पर कच्चे माल और इस्पात के उत्पादन की निगरानी के लिए डिजिटल डैशबोर्ड विकसित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इससे खान वार खनिज उत्पादन की निगरानी में मदद मिलेगी। सिंह ने कच्चे माल के उत्पादन को नेशनल स्टील पॉलिसी-2017 के लक्ष्यों से जोड़ने को विषेश बल दिया है।
केंद्रीय मंत्री सिंह ने इस दौरान इस्पात उत्पादन क्षमता बढ़ाने, पुराने संयंत्र उपकरणों के आधुनिकीकरण और भविष्य के लिए पर्यावरण की दृष्टि से कुशल प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए समय पर पूंजीगत व्यय के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में स्टील सीपीएसई द्वारा कैपेक्स खर्च 10,038 करोड़ रुपए था। जोकि वित्त वर्ष 2020-21 में 7,266.70 करोड़ रुपये के CAPEX से 38 फीसदी ज्यादा था। सिंह ने वित्त वर्ष 2022-23 के स्टील सीपीएसई का कैपेक्स लक्ष्य 13,156.46 करोड़ रुपये निर्धारित किया है।
सिंह ने सीपीएसई को सलाह दी कि वह अपनी मासिक कैपेक्स योजनाओं का पालन करें और समयबद्ध कार्य सुनिश्चित करने के लिए परियोजनाओं की बारीकी से निगरानी करें,ताकि वित्त वर्ष 2022-23 के रखे गए लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।
इसके अलावा सिंह ने बैठक में स्टील सीपीएसई को निर्देश दिया कि वह एनएसपी-2017 के अनुरूप अपनी पूंजीगत परियोजनाओं की योजना बनाएं। बल्कि यह भी सुनिश्च करें कि उसकी क्षमता 25.5 एमटीपीए के वर्तमान स्तर से करीब 80% बढ़कर 2030-31 तक 45 एमटीपीए तक पहुंचाया जाए।
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