- कार्वी घोटाले पर BSE पर 3 करोड़ व NSE 2 करोड़ का लगा जुर्माना
- सेबी ने मंलगवार को लगाया जुर्माना
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली।
ब्रोकरेज फर्म कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के घोटाले पर सेबी (SEBI) एक्शन मोड पर आते हुए शेयर बाजार के बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर बड़ी कार्रवाई की है। सेबी ने यह कार्रवाई जुर्माना के रूप में की है। सेबी ने अपने दो अलग-अलग आदेश में कार्वी घोटले पर BSE और NSE पर क्रमश: 3 करोड़ रुपए और 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी ने यह कार्रवाई मंगलवार को की है।
BSE व NSE ने की घोटाले में पकड़ने में देरी
वहीं, सेबी ने मंगलवार को एक आदेश जारी किया। इस आदेश में कह कि कार्वी ने बिना अधिकार के अपने ग्राहकों के पैसों का गलत इस्तेमाल किया। ब्रोकरेज फर्म बीएसई और एनएसई की सदस्य होने के चलते नियामकीय निगरानी में थी। इसके बावजूद इस घोटाले को पकड़ने में देरी हुई। इस वजह से सेबी ने बीएसई और एनएसई को भी जवाबदेह ठहराया है और जुर्माना लगाया है।
यह है पूरा मामला (SEBI Penalty)
कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग ने अपने 95 हजार से अधिक ग्राहकों के 2300 करोड़ रुपये की सिक्योरिटीज को सिर्फ एक डीमैट खाते से गिरवी रखा गया। ब्रोकरेज फर्म ने खुद और अपने ग्रुप की कंपनियों के लिए इसे गिरवी रखकर 8 बैंकों व एनबीएफसी से 851.43 करोड़ रुपये का फंड जुटाया। जून 2019 में सेबी ने एनएसई और बीएसई के साथ मिलकर इसकी जांच शुरु की। एनएसई ने एक फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किया। 2019 नवंबर में NSE ने सेबी के प्रारंभिक रिपोर्ट दर्द की,जिसके बाद सेबी ने एक कंफर्मेटरी ऑर्डर जारी किया।
2019 में ही सेबी ने आदेश दिया कि डिपॉजिटरीज को एनएसई की निगरानी में एक डीमैट खाते से उन सभी बेनेफिशियल ओनर्स के खाते में सिक्योरिटीज ट्रांसफर किए जाए। दिसंबर 2019 में नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड ने कहा कि कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग डीमैट अकाउंट से 82559 क्लाइंट्स को सिक्योरिटीज लौटा दिए गए हैं। वहीं, एनएसई ने नवंबर 2020 में कहा था कि कार्वी के निवेशकों के 2300 करोड़ रुपये वापस कर दिए हैं।
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