इंडिया न्यूज,नई दिल्ली।
Ashneer Grover: भारतपे के सह-संस्थापक के साथ प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर को अपने खिलाफ जारी कंपनी की जांच रोकने के लिए दायर मध्यस्थता अर्जी में करारी हार मिली है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारतपे के सह-संस्थापक ग्रोवर को सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) जो राहत मिलने के अनुमान थे वह नहीं मिली हैं। यानी एसआईएसी से उन्हें कोई भी राहत नहीं प्रदान की गई है।
भारतपे एक वित्तीय प्रौद्योगिकी फर्म है। बताया गया है कि भारतपे में शीर्ष प्रबंधन की अनुशंसा पर की जा रही कामकाजी समीक्षा को रोकने का कोई आधार नहीं है।
इस मामले की पहली सुनवाई हुई थी 20 फरवरी को (Ashneer Grover)
वहीं, ग्रोवर ने एसआईएसी में दायर अपनी अर्जी में कंपनी के कामकाज के लिए जारी समीक्षा रोकने की मांग की है। इस उन्होंने कह कि उनके खिलाफ की जा रही यह जांच गैरकानूनी है। इसकी पहली सुनवाई 20 फरवरी को हुई थी। मिली जानकारी के अनुसार, ग्रोवर मध्यस्थ के इस निर्णय को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं। जबकि भारतपे ने इस मामले के न्यायिक सुनवाई का विषय होने से टिप्पणी करने से मना कर दिया।
अभद्र भाषा के चलते ग्रोवर को भेजा गया था छुट्टी पर (Ashneer Grover)
आपको बता दें कि भारतपे के सह-संस्थापक के साथ प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर को पिछले महीने कोटक महिंद्रा बैंक के एक स्टाफ से फोन पर अभद्र भाषा का उपयोग किया, जिसका बातचीत का ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर खुब वायरल हुआ था। इस अभद्र भाषा वाला ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद कंपनी ने ग्रोवर को तीन महीने की छुट्टी पर भेज दिया था और उनके खिलाफ कंपनी प्रबंधन ने ऑडिट फर्म से कामकाज की समीक्षा कराने का फैसला किया था।
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