इंडिया न्यूज,नई दिल्ली।
Incident Site Visit: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने गोकुल पुरी झुग्गी झौपड़ी बस्ती में आग लगने के बाद घटना स्थल का दौरा किया। शनिवार को यहां बड़ी संख्या में लोग बर्बाद और बेघर हो गए तथा आग में झुलस कर 2 बच्चों सहित 7 लोगों की मृत्यु भी हो गई, जिस पर गहरा दुख प्रकट करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। प्रदेश अध्यक्ष ने अफसोस जताते हुए कहा कि इतने बड़े हादसे के बाद अरविन्द केजरीवाल कांग्रेस नेताओं के दौरे के बाद मात्र औपचारिकता पूरी करने के लिए घटना स्थल पहुचे, जबकि अपनी पार्टी जीत का जश्न मना रहे है।
सरकार दे उचित मुआवजा (Incident Site Visit)
कुमार ने सरकार से मांग की कि मृतकों, पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा मिले व प्रभावित लोगों की पुर्नवास की व्यवस्था तुरंत की जानी चाहिए। आग पर नियंत्रण पाने के मामले में अग्निशमन और पुलिस द्वारा भारी लापरवाही बरती गई ,क्योंकि रात 12 बजे कॉल हुई परंतु 2 बजे अग्निशमन की गाड़ी पहुची। गरीब के पास बर्तन कपड़ों के अलावा ज्यादा कुछ होता नही है और वो भी इनका आग में जलकर सब कुछ बर्बाद हो गया। सरकार अपने दायित्व का निर्वहन करे, ताकि गरीब लोगां की पीड़ा कम हो सके।
जहां झुग्गी वहीं मकान का नारा है खोखला (Incident Site Visit)
उन्होंने कहा कि कहा कि केजरीवाल कहते है कि दिल्ली में सब कुछ ठीक है परंतु जो दिखाया जा रहा है वास्तविकता उसके विपरित है। केजरीवाल ने जहां झुग्गी वहीं मकान का नारा खोखला साबित हुआ क्योंकि अगर राजीव रत्न आवास योजना के तहत गरीबों के लिए बने 45000 मकानों को यदि समय रहते केजरीवाल सरकार गरीब झुग्गीवालों को दे देती तो आज यह भंयकर घटना दिल्लीवालों को देखने को नही मिलती।
मृतक और घायल के स्वजनों को सरकार दे आर्थिक सहायता (Incident Site Visit)
वहीं, उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने भी बीती रात गोकलपुरी की एक झुग्गी बस्ती में आग लगने के बाद 7 लोगों की हुई मौत और अन्य पीड़ित जनों के परिवार से मुलाकात किया। मुलाकात के दौरान वहां मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए एवं दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से फोन पर बात कर पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देने की मांग की। तिवारी ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि मैं सरकार से प्रत्येक मृतक के परिवार को एक करोड़ एवं घायलों को दो लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग करता हूं। यह पहली घटना नहीं है जब दिल्ली सरकार की लापरवाही का खामियाजा निर्दोष लोगों ने अपनी जान की कीमत से चुकाया है। इस पूरे मामले की न्यायिक जांच हो,ताकि दोषियों के खिलाफ कार्यवाही हो सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
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